घुम्टो ओढी भित्र्यौ प्रिय! कस्तो लाग्यो पराइ घर
पानी खल्लो ,मच्छड धेरै गर्मी भो कि तराइ घर
-------------------------------------------------------
बाजा बज्यो बिदाइको कर्तल अनी डम्फु सेलो
सुक्क रोइ चिच्याउदै आयौ कि पो कराइ घर
------------------------------------------------------
दैलो अघि दियो कलस पञ्च कन्या समाज सामु
निधार थापी आशिषले ,भित्र्यौ तिमी भराइ घर
-----------------------------------------------------
चुल्हो बाली रोटा हाली पाकी कुरी बसेउ भने
गर्दिन म आउन ढिला भेडा बाख्रा चराइ घर
----------------------------------------------------
जाडो गर्मी ढुङ्गा माटो सबै लाई सरल ठानी
गरी खानु 'बुद्धिमानी' हुन्न फेरी डराइ घर
---------------------------------------------
बुद्धि मोक्तान
पानी खल्लो ,मच्छड धेरै गर्मी भो कि तराइ घर
-------------------------------------------------------
बाजा बज्यो बिदाइको कर्तल अनी डम्फु सेलो
सुक्क रोइ चिच्याउदै आयौ कि पो कराइ घर
------------------------------------------------------
दैलो अघि दियो कलस पञ्च कन्या समाज सामु
निधार थापी आशिषले ,भित्र्यौ तिमी भराइ घर
-----------------------------------------------------
चुल्हो बाली रोटा हाली पाकी कुरी बसेउ भने
गर्दिन म आउन ढिला भेडा बाख्रा चराइ घर
----------------------------------------------------
जाडो गर्मी ढुङ्गा माटो सबै लाई सरल ठानी
गरी खानु 'बुद्धिमानी' हुन्न फेरी डराइ घर
---------------------------------------------
बुद्धि मोक्तान
No comments:
Post a Comment