तन तन तनै जल्यो!
मन मन मनै जल्यो!
हिजो भन्दा आज धेरै
झन झन झनै जल्यो !
भाको आँशु झर्दै सुक्यो
जहाँ छोयो त्यहीँ दुख्यो
मन बाँध्न हेर्यो पारी
बन बन बनै जल्यो !
तन संगै मन संगै
जल्यो सबै रन बन
सुन्य हुँदा जाय जेथा
धन धन धनै जल्यो!
निभाउन खोजेँ कति
सक्यो आँशु भए जति
नदेखिने भित्री ज्वाला
दन दन दनै जल्यो !
तन तन तनै जल्यो!
मन मन मनै जल्यो!
हिजो भन्दा आज धेरै
झन झन झनै जल्यो!
No comments:
Post a Comment